उत्तर प्रदेश में हाल ही में नया जिला घोषित किया गया है। नया जिला जुड़ने के बाद यूपी में कुल जिलों की संख्या 76 हो गई है। इन संख्या के साथ यह राज्य सबसे अधिक जिले वाला राज्य है। इस लेख में हम प्रदेश के नए जिले के बारे में जानेंगे।
उत्तर प्रदेश भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य है। यह राज्य कुल 240, 928 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जो कि पूरे भारत का करीब 7.33 फीसदी है। वहीं, भारत पूरी दुनिया का करीब 2.4 फीसदी है। यह राज्य अपनी विविध संस्कृति, गौरवशाली इतिहास और अनूठी परंपराओं के लिए देश-दुनिया में जाना जाता है।
यही वजह है कि यहां हर साल बड़ी संख्या में सैलानी पहुंचते हैं। प्रदेश की विशेषता में यहां के जिलों की अहम भागीदारी है। आपने प्रदेश के अलग-अलग जिलों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। हाल ही में उत्तर प्रदेश में नया जिला जोड़ा गया है, जिसके बाद यहां कुल जिलों की संख्या 76 हो गई है। अब सवाल है कि आखिर क्यों 76वां जिला घोषित किया गया है और यह कौन-सा जिला है, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
उत्तर प्रदेश का परिचय
उत्तर प्रदेश का गठन 26 जनवरी, 1950 को किया गया था। इससे पहले इसे संयुक्त प्रांत नाम से जाना जाता था। इतिहास उठाकर देखें, तो पूर्व में इसे कौशल और पांचाल साम्राज्य से जाना जाता था। बाद में यहां शर्की पहुंचे और उन्होंने यहां जौनपुर बसाया।
बाद में यहां मुगल पहुंचे, तो उन्होंने जौनपुर के पास अवध सूबा बसाया। ब्रिटिश पहुंचे, तो उन्होंने यहां उत्तर-पश्चिम प्रांत का गठन किया। कुछ समय बाद इसे अवध सूबे में मिला दिया गया और यह संयुक्त प्रांत बना। देश आजाद हुआ और प्रदेश का नाम बदलकर उत्तर प्रदेश कर दिया गया।
यह है उत्तर प्रदेश का नया जिला
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ मेला क्षेत्र को ही नया जिला घोषित किया गया है। इस जिले में कुल चार तहसील- सदर, करछना, सोरांव और फूलपूर शामिल रहेगी
क्यों घोषित किया गया है नया जिला
प्रयागराज में जब भी महाकुंभ मेले का आयोजन किया जाता है, तो प्रदेश में नया जिला घोषित करने की परंपरा है। मेले के दौरान एक पूरा शहर बसाया जाता है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाते हैं। इस वजह से बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था को देखते हुए भी नया जिला घोषित किया जाता है। इस जिले के अतिरिक्त कलेक्टर विजय किरण आनंद हैं।
अस्थायी तौर पर घोषित किया गया है जिला
आपको बता दें कि योगी सरकार द्वारा इस जिले की घोषणा अस्थायी तौर पर की गई है। महाकुंभ मेले का समापन होने के बाद उत्तर प्रदेश में कुल जिलों की संख्या 75 ही रहेगी।
कब से कब तक चलेगा महाकुंभ
इस बार प्रयागराज में आयोजित होने वाला महाकुंभ मेला 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक चलेगा। इस दौरान देश-विदेश से यहां श्रद्धालु पहुंचेंगे। कुंभ का अर्थ घड़ा या कलश से होता है। पौराणिक कथाओं में इसका अर्थ अमृत के समान बताया गया है। वहीं, मेले का अर्थ होता है मिलना या सामुदायिक रूप से उपस्थित होना। इस प्रकार महाकुंभ का अर्थ ‘अमृत्व का मेला’ भी हो जाता है।