अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) आपको पंचकूला में गौर-निताई रथ यात्रा के भव्य आयोजन में शामिल होने के लिए सादर आमंत्रित करता है। यह उत्सव रविवार, 24 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा।
यह उत्सव श्री चैतन्य महाप्रभु (जो भगवान श्रीकृष्ण का अवतार हैं) और उनके अनन्य सहयोगी नित्यानंद प्रभु (जो भगवान बलराम का रूप हैं) के दिव्य अवतरण की याद में मनाया जाता है। गौर-निताई अपार कृपा और भक्ति के प्रतीक हैं, जो वर्तमान कलियुग में आध्यात्मिक ज्ञान और आशा का प्रकाश फैलाते हैं।
उत्सव की मुख्य झलकियां
• रथ यात्रा जुलूस:
रथ यात्रा की शुरुआत इस्कॉन मंदिर, सेक्टर 12 से होगी और यह सेक्टर 8, 9, 10, 11, और 12 के रास्ते होते हुए पुनः मंदिर पर समाप्त होगी।
• समय: रथ यात्रा दोपहर 12 बजे मंदिर से शुरू होकर शाम 8 बजे वापिस मंदिर पहुँचेगी।
• सांध्य प्रसादम: शाम 7:00 बजे से इस्कॉन मंदिर, सेक्टर 12 में प्रसाद वितरित किया जाएगा।
• उल्लासमय कीर्तन:
पूरे मार्ग में हरे कृष्ण महामंत्र के संकीर्तन से वातावरण भक्तिमय हो जाएगा। इस्कॉन के भारत और विदेश से आए भक्तगण कीर्तन का नेतृत्व करेंगे।
• सांस्कृतिक प्रस्तुतियां:
• भक्त प्रह्लाद स्कूल (इस्कॉन का बच्चों के लिए आध्यात्मिक शिक्षा कार्यक्रम) की ओर से नृत्य और संगीत की प्रस्तुतियां दी जाएंगी।
• वरिष्ठ भक्तों की उपस्थिति:
एच.जी. महामन प्रभु, एच.जी. श्रीधाम प्रभु, एच.एच. प्रबोधानंद सरस्वती महाराज और अन्य सम्मानित वैष्णव इस पावन अवसर पर अपने आशीर्वाद और ज्ञान से हमें कृतार्थ करेंगे।
• स्वागत स्टॉल्स:
रथ यात्रा मार्ग पर विशेष स्वागत स्टॉल लगाए गए हैं, जहां भगवान के रथ का स्वागत किया जाएगा और भक्तों पर उनकी कृपा बरसेगी।
आध्यात्मिक महत्व
गौर-निताई रथ यात्रा प्रेम, भक्ति, और आध्यात्मिक एकता का उत्सव है। संतों और शास्त्रों में इसे इतना पवित्र बताया गया है कि रथ को छूने या उसकी रस्सियों को खींचने से ही वर्षों के तप और पुण्य प्राप्त हो जाते हैं। यह कीर्तन, नृत्य और भोग के माध्यम से भगवान से गहराई से जुड़ने का एक दुर्लभ अवसर है।
हम आप सभी को इस पवित्र उत्सव में सादर आमंत्रित करते हैं। आइए, भगवान गौर-निताई की कृपा का अनुभव करें और इस आयोजन को यादगार बनाएं। आपकी उपस्थिति हमारे समुदाय के लिए प्रेरणादायक होगी।
आइए, मिलकर भजें, नृत्य करें और इस उत्सव का आनंद लें!