सूत्रों से:- जिला जालौन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराने जा रहे हैं तो हो जाये सावधान, यहां चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी लिखते हैं दवाएं अनट्रेंड करते हैं उपचार।
तहसील उरई में सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रयास कर रही है। सरकार की इस मंशा को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बट्टा लगा रहा है। अस्पताल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।रात के समय अस्पताल चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के सहारे चल रहा है तथा रात में मरीजों को दवाएं भी लिख रहे हैं।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चर्चाओं का विषय बना हुआ है। महिला चिकित्सक द्वारा लगातार चिकित्सालय में जांच उपलब्ध होने के बाद मरीजों को महंगी जांच लिख रही हूँ तथा एक पैथोलॉजी का नाम बता कर मरीजों को जाने के लिए मजबूर कर रही है। इतना ही पिछले हफ्ते अस्पताल कर्मचारियों द्वारा महिला का इलाज करने आये तीमारदार के साथ मारपीट का वीडियों वायरल हुआ था। अभी ये मामला शांत भी नहीं हुआ था कि अस्पताल के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों द्वारा लिखी जा रही है दवाईयों की पर्ची चर्चा का विषय बन गयी। चिकित्सालय में खुले आम नियम कायदे कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है। चिकित्सालय में नियुक्त महिला वार्ड आया किरन लम्बे समय से स्वयं नौकरी नहीं कर रही है। उनके स्थान पर रेखा नाम की महिला काम कर रही है। इतना ही बगैर किसी डिग्री के चिकित्सालय में प्रज्ञा, अंजुम वैष्णवी आदि प्रशिक्षण के नाम पर नौकरी कर रही है तथा जो काम नहीं करना चाहिए वह सब कर रही है। इसके अलावा निखिल, नितिन, सूर्य प्रकाश, रूपेश आदि भी चिकित्सालय में कर्मचारी बन कर काम कर रहे हैं जबकि इन्हें स्वास्थ्य विभाग बगैर चिकित्सक के उपचार करने की अनुमति नहीं देता है। इसके बाद भी अस्पताल प्रशासन इन्हीं से अस्पताल चलवा रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बगैर वैध डिग्री व प्रशिक्षण के काम कर रहे कर्मचारी लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। मजे की बात तो यह है कि चिकित्सालय में लम्बे समय से लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ का खेल चल रहा है तथा पैथोलॉजी व मेडिकल स्टोर संचालकों से सांठगांठ करके मरीजों के तीमारदारों के जेब पर ढाका डालने का काम चल रहा है, इसके बाद भी जिम्मेदार मूक दर्शक बने हुए हैं। जब इस संदर्भ में अधीक्षक डां के डी गुप्ता से बात कि उन्होंने कहा कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों द्वारा दवाएं लिखने का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। पता करेगें।