सूत्रों से:- थाना क्षेत्र के अंतर्गत में माफिया ने अवैध खनन के साथ किसानों की फसल भी उजाड़ी।
रामपुरा थाना क्षेत्र में अवैध खनन से न सिर्फ सरकारी राजस्व को चूना लगा बल्कि दर्जनों किसानॉ को भी दबंग खनन माफिया ने उनकी फसल चौपट करके बर्बाद कर डाला । आक्रोशित किसानों ने जब खनन ,माफिया के खिलाफ बगावत का झंडा उठा लिया और इससे खूनखराबे की नौबत आ गयी तब कहीं जा कर अधिकारी सक्रिय हुए, रामपुरा थाना क्षेत्र का सुल्तानपुरा गाँव संवेदनशील रहा है जहां अतीत में अवैध खनन के विवाद में हत्याएं भी हो चुकी हैं जिसके चलते यहाँ की सरगर्मियों को ले कर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी सतर्कता बरतते आये हैं लेकिन सैयां भये कोतवाल तो डर काहे का । सुल्तानपुरा के नीचे से काली सिंध नदी बहती है जिसकी बालू बहुत उम्दा मानी जाती है जिसके कारण बाजार में इस बालू की बहुत मांग रहती है भले ही रामपुरा के थाना प्रभारी अपनी खाल बचाने के लिए यहाँ की बालू को मिट्टी जैसी बता कर अधिकारियों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हों, रात अँधेरे में लगभग एक माह से हो रहे इस अवैध खनन से जिले के अधिकारी अभी अनजान ही बने रहते लेकिन जब माफियायों ने खेतों के नीचे की बालू के खनन के लिए जमीन पर लहलहाती किसानों की गेहूं और लाही की फसल उजाड़ कर एक ओर फेंक डाली तो किसान बेहाल हो कर जीने मरने की लड़ाई के लिए तैयार हो गए नतीजतन माफिया के छक्के छूट गए, इस बीच तनाव की सूचना दे कर पुलिस बुलाने के लिए किसी ने सुबह लगभग 4 बजे थाना प्रभारी के सी यूं जी नंबर पर फोन किया, खननका मामला सुनते ही मामला टालने के लिए प्रभारी ने अपने दीवान को फोन पकड़ा दिया बाद में इसकी जानकारी जिलाधिकारी राजेश पाण्डेय को दी गयी तो उन्होंने एस डी एम माधौगढ़ को तत्काल मामला दिखवाने के लिए निर्देशित किया ।
माधौगढ़ एसडीएम मनोज कुमार सिंह ने इस पर तहसीलदार को मौके पर भेजा उनके सामने किसानों ने अपना दुखड़ा रोया और खुला आरोप लगाया कि खनन माफिया ने पुलिस से सेटिंग कर ली थी जिसके कारण इतने दिनों से धड़ल्ले से जेसीबी लगा कर नदी से बालू उठायी जा रही थी अब खनन माफिया ने बोये हुए खेतों से बालू उठाने के लिए उनकी फसल भी उजाड़ना शुरू कर दिया जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता, किसानों ने सुबूत के तौर पर तहसीलदार को नदी के कछार में जे सी बी के पहियों के निशान भी दिखा दिए, स्थानीय पुलिस मामले की लीपापोती की कोशिश कर रही है लेकिन किसानों ने अभी तक कछार में जे सी बी निकलने की बनी निशानियाँ पुलिस को नहीं मिटाने दी है, उनके तेवरों के कारण पुलिस की कोई दलील कामयाब नहीं हो पा रही है।